पक्ष -विपक्ष दोनों खुद को मजदूरों का मसीहा कहलायें सड़कों और पटरियों पे वो मर रहा कोई सुध ना लेने जाये पक्ष -विपक्ष दोनों कहें हम लेंगे देश बचाये इसी विवश्ता के मारे सब ठेके दिए खुलाये सूद - प्रियंका दोनों खड़े अपनी बस लगवाए प्रियंका ठहरी विपक्ष की तो सूद ही बस चलवाये लाखों मजदूर चल पड़े सैकड़ों मील दूर पैदल अपने घर को जाएँ कुछ मजदूरों को गाड़ी से घर भेजके मंत्री जी लेते अपनी पीठ थपथपाये कोरोना बढ़ता जा रहा, जनता रही घबराये मुख्यमंत्री जी कहें हम रेडी हैं अस्पताल में बेड लगवाए और जो ज्यादा ना हो सीवियर वो घर पे ही इलाज करवाए बनते कोरोना के सब डॉक्टर, बचने के देंगे उपाए ख़ासी भी हो जाये तो देंगे हॉस्पिटल फ़ोन घुमाये रोज नए पैकेज सरकार घोषित करती जाये जैसे कोई पुरानी किताब पर नया कवर देत चढ़ाये छोटी फैक्टरियां भी बंद हो रहीं, किसान भी नुकसान उठाये राहत पैकेज तो इनको दे दिए पर इन तक पहुंच न पाये इस कोरोना क|ल में जो हम सुधर न पाये तो क़यामत के दिन तक भी देश ऐसे ही चलता पाएं प्रवीण कुमार #corona kaal or desh #Kavita