ये चाँद-सूरज फिर निकल आएंगे.. तेरी यादों के सायें से हम न निकल पाएंगे.. कभी तू भी तो बन चाँद-सूरज की तरह.. मिलकर फिर कोई संजीदा ख्वाब सजायँगे। #पुनर्वापसि #तेरी_याद_साथ_है #हिंदी_प्रेमी #लेखन_कला✍