रातों की नींदें वारना अब छोड़ रहा हूँ हर रोज़ दिल तुमपे हारना छोड़ रहा हूँ इंतेज़ार की घड़ियां अबके खत्म हो गईं मैं बेवजह तुमको पुकारना छोड़ रहा हूँ तुमको भी कोई और मिले मुझको भी कोई ये सोच सोचकर तुमको बुलाना छोड़ रहा हूँ #रातों की नींदें वारना अब छोड़ रहा हूँ हर रोज़ दिल तुमपे हारना छोड़ रहा हूँ इंतेज़ार की #घड़ियां अबके खत्म हो गईं मैं बेवजह तुमको पुकारना छोड़ रहा हूँ तुमको भी कोई और मिले मुझको भी कोई ये सोच सोचकर तुमको बुलाना छोड़ रहा हूँ