सारी वसुधा का वैभव तारक अम्बर हरसिंगार हो भाषित मेरा हृदस्पंदन कल छल गंगा की धार हो अधरों पर मृदु सौरभ संचित चंचल भावों का सार हो और कपोल पर कोमल कोमल कल्पित सुख संसार हो मुखमंडल की दीप्ति विभा माथे पर दिनकरतार हो नयनों में ज्योत्स्ना याम की बल संबल धीर विचार हो तुमसे जीवन उर्वर उज्ज्वल प्रिय! तुम वैखर प्यार हो #toyou #yq💕 #yqsplendor #yqlife #yqfaith #yqearnestness #yqdepth #yqinbetween