हमारी हिम्मत कि तुझसे (दिल) खार खाए हुए है तो दुश्मन ही सही तुझे सीने से लगा लगाए हुए हैं मेरी तन्हाई का सबब पूछते हैं लोग अब कैसे कहूं कि हम अपनों के सताए हुए है दिल की बात हर कोई माने दिल ना किसी की माने.