चट्टानों में तो लोग जूते चप्पल पहनके भी कितने चोट खाते... भगवान के घर चले तो नंगे पैर में भी कितने आराम मिलता हैं... जूते भी मानों जैसे बोझ सा लगता हैं... #कविता#प्रेम#विश्वास