सबकुछ पाना है उसे, सबकुछ करना है हासिल, सबकुछ बनना है उसे, हर चीज मे होना है शामिल, अपने नाम करने है उसे सारे पर्वत, बादलों पे चढ कर करनी है कसरत, सिलवटें बनानी है उसने तब जमीन पे, जब आकाश मे धरती ले करवट, प्यास उसकी समंदर जितनी है, भूख उसकी भयंकर इतनी है, सब चाहिए उसे,पर सवाल है, जेब उसकी अंदर कितनी है? #power #yqbaba #yqdidi #hindi #yqhindi #hindipoetry #shayari #mohmaya