आँखों में उम्मीद थी और दिल में थी आशा कुछ कर गुजरने की थी अभिलाषा उड़ान उम्मीद की,हौसलों की उड़ान थी अम्बर जितनी ऊँची करनी हमारी पेहचान थी ज़ुबान थे खामोश पर लेखनी बोल रही थी ओढ़े चादर हौशलों का बादलों पे. तैर रही थी आँखों मे उम्मीद थी और दिल मे थी आशा ..... कुछ कर गुजरने की थी अभिलाषा इसीलिये तो आज हमने येः मुकाम पाई है हौशलों की उड़ान भरी थी हमने फिर येह कामयाबी हाँथ आयी है #nojotohindi #abhikikavishala #featureme