जिसे हम भूल जाते हैं क्या वाकई उसे भूल पाते हैं या देते हैं दिलासा झूठे ही ख़ुद को रातों को आँखों में गुजारते हैं जब मन चाहे कुछ कहना हमसे एक डाँट पिला उसे स्वयं को कामयाब मानते हैं जब रोकर,थक हारकर चुप हो जाये बालक-मन, धीमे से उसे गले लगा सिसकते कलेजे से लिपटाते हैं हम छुपा अपने आँसू गंभीर मुस्कान बिखेर जाते हैं हम क्या वाकई... जिसे भूल जाते हैं हम सचमुच.. उसे भूल पाते हैं हम??? 🌹M'निर्झरा' जिसे हम भूल जाते हैं उसे हम भूल जाते हैं? #भूलजातेहैं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi