कभी पूरा होता नहीं,साथ निभाने का वादा कोई नहीं जानता, जिंदगी का क्या है इरादा इंसान हो तो जानवर की तरह जीना छोड़ दो क्या पाये नहीं हो अक्ल, जानवरो से ज्यादा बाहर की चकाचौंध छलावा है, भरम है बस कमलेश कभी भीतर भी अपने कर लो तकादा फलसफा जिंदगी का समझ में आया ही नहीं यारा ख्याल नेक रखो, जीवन को जियो सादा ©Kamlesh Kandpal #Jindagi