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#गूदड़ (3) समय पंख लगा कर उड़ रहा था, हम दोनों बह

 #गूदड़ (3)

समय पंख लगा कर  उड़ रहा था, हम दोनों बहनें बड़ी हो रही थी। मैंने स्कूल की पढ़ाई कर ली थी, फिर कॉलेज जाने की समस्या आ गई टीचर मैडम ने correspondence से मेरा   बी.ए. करा दिया। एक कंपनी में भी नौकरी लगवा दी थी। उन्हीं दिनों मेरे पिता का लिवर खराब हो गया, घर का सारा पैसा उनके इलाज में जाने लगा। मेरी माँ सूख के तीली हो गई थी, घर में भी खपती, काम पर भी जाती और हॉस्पिटल के चक्कर सो अलग।कोई भी रिश्तेदार काम नहीं आया ।माँ ने कभी भी अपनी परेशानियों का जिक्र नहीं किया। मुझे एक बात समझ आ गई थी सम
 #गूदड़ (3)

समय पंख लगा कर  उड़ रहा था, हम दोनों बहनें बड़ी हो रही थी। मैंने स्कूल की पढ़ाई कर ली थी, फिर कॉलेज जाने की समस्या आ गई टीचर मैडम ने correspondence से मेरा   बी.ए. करा दिया। एक कंपनी में भी नौकरी लगवा दी थी। उन्हीं दिनों मेरे पिता का लिवर खराब हो गया, घर का सारा पैसा उनके इलाज में जाने लगा। मेरी माँ सूख के तीली हो गई थी, घर में भी खपती, काम पर भी जाती और हॉस्पिटल के चक्कर सो अलग।कोई भी रिश्तेदार काम नहीं आया ।माँ ने कभी भी अपनी परेशानियों का जिक्र नहीं किया। मुझे एक बात समझ आ गई थी सम

#गूदड़ (3) समय पंख लगा कर उड़ रहा था, हम दोनों बहनें बड़ी हो रही थी। मैंने स्कूल की पढ़ाई कर ली थी, फिर कॉलेज जाने की समस्या आ गई टीचर मैडम ने correspondence से मेरा बी.ए. करा दिया। एक कंपनी में भी नौकरी लगवा दी थी। उन्हीं दिनों मेरे पिता का लिवर खराब हो गया, घर का सारा पैसा उनके इलाज में जाने लगा। मेरी माँ सूख के तीली हो गई थी, घर में भी खपती, काम पर भी जाती और हॉस्पिटल के चक्कर सो अलग।कोई भी रिश्तेदार काम नहीं आया ।माँ ने कभी भी अपनी परेशानियों का जिक्र नहीं किया। मुझे एक बात समझ आ गई थी सम #nojotophoto