White कैसे केसों से लग के रोते हैं लोग अपनों से लग के रोते हैं हमको जब कोई भी नहीं मिलता हम दरख्तों से लग के रोते हैं जब परेशानी सर से बढ़ जाए बाप बेटों से लग के रोते हैं शैख साहब को क्या हुआ यारों आज रिंदों से लग के रोते हैं मर गए क्या बड़े-बड़े घर के बच्चे बच्चों से लगा के रोते हैं इन अमीरों का क्या करें साहब तंग दस्तों से लग के रोते हैं आप का कुछ नही बनेगा यहां आप बंदों से लग के रोते हैं हमको आजादी मार डालेगी हम परिंदों से लग के रोते है © Quraish Aman #Sad_Status 'दर्द भरी शायरी' हिंदी शायरी शायरी लव