ईश्क है तो हॉ कर पगली, यूं दोस्ती के बहाने क्यो उम्र बर्बाद करती है। हर कोई करता है खुलेआम मोहब्बत आजकल, फिर तू क्यो किसी से डरती है।। मुकेश बिर्ला "गुर्जर श्री" #मुकेश के दर्द