जांमण मरण बिचारि करि कूड़े काम निबारि । जिनि पंथूं तुझ चालणा सोई पंथ संवारि । जन्म और मरण का विचार करके ,बुरे कर्मों को छोड़ दे-जिस मार्ग पर तुझे चलना है उसी मार्ग का स्मरण कर- उसे ही याद रख -उसे ही संवार सुन्दर बना। 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' स्मरण