ज़माना है खराब, खुद को रखना तुम संभालकर दुआ है हमारी, किसी की तुम्हें लगे ना नज़र रखना खुद को महफ़ूज़ तुम, ये गुज़ारिश है हमारी तुमसे तुम्हारी तकलीफ़ सही ना जाएगी हमसे ये हसीन मुस्कुराहट रहे सदा ही कायम तुम्हारे चेहरे पे यही दुआ हर पल करते हैं हम अब रब से 🔴 "दोस्तों आप लोग कोल्लब (COLLAB) करने से पहले कैप्शन जरूर पढ़ लें" 🔴 " इस प्रतियोगिता का समय सीमा आज रात्रि 12:00 बजे तक ही मान्य होगा" 🔴 "दोस्तों आप लोग अपनी रचना, 4 या 6 पंक्तियों में ही