पिता का घर कभी जर्जर नहीं होता, खूबसूरत उससे कोई मंजर नहीं होता... बसते हैं जहाँ सपने बचपन के, उससे पावन कोई मन्दिर नहीं होता... ©आयुष बाप का घर....