जी चाहता है गुम जाऊँ कहीं घने जंगल में. नहीं फंसना हवस,नफरत ईर्ष्या के दंगल में। फितरत बर्बादी की तो क्या करेंगे जाके मंगल में. ©Kamlesh Kandpal #Mangal