Unsplash वो कहती हैं शिकारी अच्छा हो वो जाल बिछाता कहां है रूठा है नसीर मेरा तेरे साथ रहकर जो बहुत सताता रहा हैं और तीन साल पहले जिसने मांगा था मुझे सर रखकर नीली छतरी वाले की चौखट पर अब तीन साल साथ रहने के बाद बोलती है मुझे कि फुटी थी किस्मत मेरी जो तुझसे राबता किया अरे अब जा तुझे प्यार जाताना आता कहां हैं ©Jai singh varma Haryanvi #Book शायरी लव 'दर्द भरी शायरी' हिंदी शायरी शायरी लव रोमांटिक