कविता "पत्थरों की सभ्यता"
इतिहास गवाह है
जिन सभ्यताओं ने पत्थरों से निर्माण किया है
उनके अवशेषों में बस पत्थर ही मिले है...
मैं ये इसलिये नहीं कह रहा चूंकि आप भी बस पत्थर ही लगा रहे हैं,
अपितु आप पत्थरों के शहर को विकास बता रहे हैं।
क्योकि पत्थरों की न तो जड़े होती है न शाखें, और न ही फूल, #HUmanity#Politics#kavita#development