जिस कापी पर सब विषय संभालने की जिम्मेदारी होती है ना अक्सर वही रफ कापी बन जाती है उसी तरह घर के बुजुर्ग भी अक्सर अपने परिवार को एक करने कि कितनी भी कोशिश कर ले आखिर में उन्हें ही चुप रहना पडता है