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अगर हाथों से उम्मीदों का शीशा टूट जाता है तो पल भर

 अगर हाथों से उम्मीदों का शीशा टूट जाता है
तो पल भर में ही ख्वाबों से भी पीछा छूट जाता है। 

अगर हिन्दू-मुस्लिम थोड़ी देर लड़ना भूल जाते हैं
इस देश के नेताओ का पसीना छूट जाता है।

हिन्दू-मुस्लिम की लड़ाई से सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक पार्टियों को फायदा होता है
 अगर हाथों से उम्मीदों का शीशा टूट जाता है
तो पल भर में ही ख्वाबों से भी पीछा छूट जाता है। 

अगर हिन्दू-मुस्लिम थोड़ी देर लड़ना भूल जाते हैं
इस देश के नेताओ का पसीना छूट जाता है।

हिन्दू-मुस्लिम की लड़ाई से सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक पार्टियों को फायदा होता है

अगर हाथों से उम्मीदों का शीशा टूट जाता है तो पल भर में ही ख्वाबों से भी पीछा छूट जाता है। अगर हिन्दू-मुस्लिम थोड़ी देर लड़ना भूल जाते हैं इस देश के नेताओ का पसीना छूट जाता है। हिन्दू-मुस्लिम की लड़ाई से सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक पार्टियों को फायदा होता है #nojotophoto