हा काल हूं कंकाल हूं में प्यार का मायाजाल हूं हाथ में मेरे कुछ नहीं बस फस्ता चला जाएगा इसके जंजाल में दोस मुझे ना देना संभाल के रहना इस जंजाल से। नसा मेरा बहुत गहरा होगा बचके चाहे जितना निकालो फसोगे तुम भी इसमें सबका पहरा होगा दर्द का अहसास तुम्हे होगा जब प्यार तुहरा ओर गहरा होगा बचके कोई नहीं निकल पाया इस्पे सबका पहरा होगा फसोगे जरूर जब प्यार ओर गहरा होगा । ना कद्र करोगे संसार की ना क़िसी के प्यार की भूल जाओगे सबको बास इसका नसा होगा दिल ओर दिमाग पे बस यही बसा होगा । ....✍️ साधु बाबा प्यार का मायाजाल