आधी अधूरी हकीकतों के मुक़म्मल ख़्वाब देखते हैं। कितनी दूर थे फिर भी आपको खुद के पास देखते हैं।। चाहते तो हैं कह दें आपसे हर बात दिल की। पर हमारे भीतर उठ रहे ख्यालों,पर आप के ख्यालात देखते हैं।। ©Alok krishya #Sky