पहली लिखी थी तेईस को, फिर लिखता ही गया, एक से सौ, सौ से हज़ार, कुछ कुछ लिखता ही गया। दोस्त मिले, भाई बना, और बहनों ने प्यार दुलार किया, हर दिन, हर हफ़्ते, हर महीने, हर साल सीखता ही गया। आज पूरी हुई है बारह सौ, अब आगे यह और जायेंगी, सोचा ना था रूकूंगा यहाँ, पर मैं यहाँ टिकता ही गया। 1200 completed. Dedicated this journey to everyone. #kumaarsthought #12hundred