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वक़्त गुजरता गया,। लम्हा बीतता गया, याद

वक़्त गुजरता गया,।        लम्हा बीतता गया,    याद आती रहीं और जाती रही , सासे रुकती भी थी, सासे चलती भी थीं। एक उम्मीद थी । के शायद तू कभी लौट आए इस दिल  में , और गुलशन ए बहार   आ जाए मेरे वीराने में आरज़ू ए दिल
वक़्त गुजरता गया,।        लम्हा बीतता गया,    याद आती रहीं और जाती रही , सासे रुकती भी थी, सासे चलती भी थीं। एक उम्मीद थी । के शायद तू कभी लौट आए इस दिल  में , और गुलशन ए बहार   आ जाए मेरे वीराने में आरज़ू ए दिल