झलक तुम्हारी, अगर मिल जाए सुबह मे, तो दिन पूरा गुज़रे, एकदम से सुहाना। तेरी झलक ही मेरे लिए है, सुबह की पहली किरण, और तेरा किरदार ही मेरे लिए है, सुबह की पहली चाय की चुस्की। जब होता हूँ मायूस, तेरी झलक से मिलती है दिल को तसल्ली, जब आँखों से हो जाती है ओझल तू, तब ये निगाहें सिर्फ तुझे ही ढूँढे । तेरी झलक मे मुझे दिखती है, भगवान की मुरत, ग़र रह जाए तेरी ये छवि ताउम्र, तो चमक जाए मेरी क़िस्मत भी। -Nitesh Prajapati ♥️ Challenge-955 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।