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#निःस्वार्थ... जीवन के इस पथ पर निःस्वार्थ भाव से

#निःस्वार्थ...

जीवन के इस पथ पर निःस्वार्थ भाव से जी पाना कठिन ही है,
 क्योंकि निःस्वार्थी वही हो सकता है जो खुद को खुद में ही ढूंढने के प्रयास में प्रयासरत है।।

इस दुनिया में अधिकतम लोग स्वार्थी ही मिलेंगे, क्योंकि उनके अनुसार
 दूसरों से छीन के रखने में, उनके सफलता, उनके धन, 
उनकी सारी व्यवस्था पर ही नजरे होती है, और वो व्यक्ति सोचता है की
 बस कैसे भी इसे अपनी बातों में लेके इससे धन और इसका सब लिया जा सकता है, 
जिससे बिना कुछ परिश्रम करे हमें सब मिल जाए।।

एक निःस्वर्थ व्यक्ति अपने मन शरीर में उठते विचारों को समझता है जानता है, 
वो स्वार्थी व्यक्तियों के बीच भी उनसे अनछुआ रह सकता है। 
वो अपने भावों और विचारों का प्रयोग खुद को अच्छा बनाने में कर सकता है। 
पर एक स्वार्थी व्यक्ति अपने ही विचारों का भावों का शिकार होकर रहता है,
 वो बस दूसरों पर और गलत प्रयास से दूसरे को दुख देके ही आगे बढ़ना जानता है, 
और उसके इन भावों के कारण उसका वो चालाक मन उसे ऐसे ही 
प्रतीत कराता रहता है कि उसने किसी और का शिकार किया है 
उसे धोखा देके बहुत नेक काम किया, परंतु वो ये नहीं देख पाता 
की उसका ऐसा करना उसे एक ऐसे अंधकार एक ऐसे रास्ते पे ले जा रहा है, 
जहां पर बस अशान्ति है और बहुत जल्द वो डूबने वाला है।।

निःस्वार्थ व्यक्ति निर्भीक रहता है, परंतु एक स्वार्थी व्यक्ति हमेशा डरा रहता है
 की कहीं उसके किए कुकर्म किसी को पता ना चल जाएं।।

निःस्वार्थी बनाना कठिन रास्ता जरूर है पर नामुमकिन नहीं, 
निःस्वार्थी व्यक्ति अगर संगत हो आपके पास तो समझिए 
आपको दुनिया की सबसे बड़ी शान्ति और दौलत साथ में मिली है,
 क्योंकि हर निःस्वार्थी पहले एक स्वार्थी ही हुआ करता था 
और उसने खुद को उस स्वार्थ से निकाल के जिस मार्ग पर लाके खड़ा किया है, 
वो आपको उस मार्ग पर आने वाली हर कठिनाई से अवगत कराएगा और आगे बढ़ने का मार्गदर्शन देगा, जिससे आपका रास्ता ज्यादा सुगम और सरल हो जाएगा।।

हमेशा जो अपने पास है उसमे संतुष्ट रहना चाहिए,खुद पर ज्यादा भरोसा रख कर 
कार्य पूर्ण करने चाहिए, स्वार्थी बनके किसी और का हिस्सा लेके हक मार कर,
 किसी को धोखा देके आप कुछ पल तो खुश हो सकते हैं, पर आपके ये बुरे कर्म आप
 और आपके बच्चों का पीछा मरते दम तक नहीं छोड़ेंगे और 
आप हमेशा तकलीफ में ही जिएंगे एक चोर की तरह।।

इसलिए खुद पर विश्वास रख कर कार्य एक निःस्वार्थ भाव से करने चाहिए, 
जिससे ह्रदय और मन में कभी कोई बोझ न रहे... 🥰🙏

#मन_में_एकाएक ❤️

#शिव

©Shivendra Gupta
#निःस्वार्थ...

जीवन के इस पथ पर निःस्वार्थ भाव से जी पाना कठिन ही है,
 क्योंकि निःस्वार्थी वही हो सकता है जो खुद को खुद में ही ढूंढने के प्रयास में प्रयासरत है।।

इस दुनिया में अधिकतम लोग स्वार्थी ही मिलेंगे, क्योंकि उनके अनुसार
 दूसरों से छीन के रखने में, उनके सफलता, उनके धन, 
उनकी सारी व्यवस्था पर ही नजरे होती है, और वो व्यक्ति सोचता है की
 बस कैसे भी इसे अपनी बातों में लेके इससे धन और इसका सब लिया जा सकता है, 
जिससे बिना कुछ परिश्रम करे हमें सब मिल जाए।।

एक निःस्वर्थ व्यक्ति अपने मन शरीर में उठते विचारों को समझता है जानता है, 
वो स्वार्थी व्यक्तियों के बीच भी उनसे अनछुआ रह सकता है। 
वो अपने भावों और विचारों का प्रयोग खुद को अच्छा बनाने में कर सकता है। 
पर एक स्वार्थी व्यक्ति अपने ही विचारों का भावों का शिकार होकर रहता है,
 वो बस दूसरों पर और गलत प्रयास से दूसरे को दुख देके ही आगे बढ़ना जानता है, 
और उसके इन भावों के कारण उसका वो चालाक मन उसे ऐसे ही 
प्रतीत कराता रहता है कि उसने किसी और का शिकार किया है 
उसे धोखा देके बहुत नेक काम किया, परंतु वो ये नहीं देख पाता 
की उसका ऐसा करना उसे एक ऐसे अंधकार एक ऐसे रास्ते पे ले जा रहा है, 
जहां पर बस अशान्ति है और बहुत जल्द वो डूबने वाला है।।

निःस्वार्थ व्यक्ति निर्भीक रहता है, परंतु एक स्वार्थी व्यक्ति हमेशा डरा रहता है
 की कहीं उसके किए कुकर्म किसी को पता ना चल जाएं।।

निःस्वार्थी बनाना कठिन रास्ता जरूर है पर नामुमकिन नहीं, 
निःस्वार्थी व्यक्ति अगर संगत हो आपके पास तो समझिए 
आपको दुनिया की सबसे बड़ी शान्ति और दौलत साथ में मिली है,
 क्योंकि हर निःस्वार्थी पहले एक स्वार्थी ही हुआ करता था 
और उसने खुद को उस स्वार्थ से निकाल के जिस मार्ग पर लाके खड़ा किया है, 
वो आपको उस मार्ग पर आने वाली हर कठिनाई से अवगत कराएगा और आगे बढ़ने का मार्गदर्शन देगा, जिससे आपका रास्ता ज्यादा सुगम और सरल हो जाएगा।।

हमेशा जो अपने पास है उसमे संतुष्ट रहना चाहिए,खुद पर ज्यादा भरोसा रख कर 
कार्य पूर्ण करने चाहिए, स्वार्थी बनके किसी और का हिस्सा लेके हक मार कर,
 किसी को धोखा देके आप कुछ पल तो खुश हो सकते हैं, पर आपके ये बुरे कर्म आप
 और आपके बच्चों का पीछा मरते दम तक नहीं छोड़ेंगे और 
आप हमेशा तकलीफ में ही जिएंगे एक चोर की तरह।।

इसलिए खुद पर विश्वास रख कर कार्य एक निःस्वार्थ भाव से करने चाहिए, 
जिससे ह्रदय और मन में कभी कोई बोझ न रहे... 🥰🙏

#मन_में_एकाएक ❤️

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©Shivendra Gupta