पल दो पल की कहानी है, जिसका नाम ज़िंदगानी है। कभी मोज़ों की रवानी है, कभी ओस का पानी है। पलकों में ठहरा, ये जो पानी है, पलक झपकते ही नदी बह जानी है। चढ़े तो नशा सर चढ़कर बोले, साहब, इसका नाम जवानी है। आदत से बाज कहाँ आनी है दुल्हन भी, एक दिन बाद पुरानी है। बारिश की पहली बूँद सी जवानी है। गरजेगी बहुत मगर, मिट्टी में रम जानी है। पल दो पल की इसकी कहानी है, येही है जिसका नाम ज़िंदगानी है। ♥️ Challenge-540 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।