Written by Harshita ✍️✍️. #Jazzbaat# मेरा पीर जाने मेरी पीड़।।। वो जाने ना।।। इस अधखुली किताबो के पन्नों में लिख दे मेरे पीर। उससे जब खोलू यूं पन्नों को कही तो मिल जाए। वो खुशबू आज भी ताज़ा है।।जो मेने मेरे पीर से इबादत में उसको मांगा था।।।मेरे पीर कुछ तो करिश्मा दिखा दे।दर तेरे आए है स्वाली।।।इन सवालों के जवाब तो बता दे। उन किताबों के पन्नों में आज भी गुलाब की सूखी पत्तिया।। आज भी ताज़ा है ।।यूं पन्नों में दबी कुछ ख्वाहिशें । दम ना तोड़ देबई खवाइस्ये किताबो में दबे दबे।।। आज भी कुछ सांसे बाकी है।।।उन सासो में बाकी है कुछ एहसास जी रहे है।।लिख दे उसने मेरा नाम जोड़ दे कुछ जज्बात ।तड़पदे उसको मेरे बिगैर।। मै ना भी ही तो सुकून की तलाश में बटक्ता रहे ।। मेरा नाम से नाम ना जुड़ पाए तो भी मलाल ना रहे।।।। कहीं दूर निकाल भी जायु मै वो मेरी इस चाहत की सुर्ख लालिमा को सूरज की किरणों की तपिश में मेहसूस करता रहे। उसके नाम से कुछ सुकून की तलाश करता मिले भी तो में फिर पहचान ना सकू।।पर उसके दिल की तलाश को कभी आराम न मिले।।। जैसे मेरी बारी थी।।।अब बारी उसकी हो तड़पने की।।। #ibadat #dil #tarap #pain #yqdidi #yqbaba #yqhindi Written by Harshita ✍️✍️. #Jazzbaat# मेरा पीर जाने मेरी पीड़।।। वो जाने ना।।। इस अधखुली किताबो के पन्नों में लिख दे मेरे पीर। उससे जब खोलू यूं पन्नों को कही तो मिल जाए। वो खुशबू आज भी ताज़ा है।।जो मेने मेरे पीर से इबादत में उसको मांगा था।।।मेरे पीर कुछ तो करिश्मा दिखा दे।दर तेरे आए है स्वाली।।।इन सवालों के जवाब तो बता दे।