#OpenPoetry उसने कपड़े भी पूरे पहने थे, सिर में चुन्नी भी ढका था....... उस रोज गुलाबी, सफेद रंग का सलवार कमीज उस पर अच्छे से खिला था..... जब घर को वो वापस पहुची तो उसकी दुनिया उजड़ चुकी थी.... उसकी मसूमियात न जाने किन हैवानो के बली चढ़ी थी... फिर भी समाज ने ना जाने क्यों उस पर ही सवाल उठाया..... क्या पहनी थी वो आखिर इस बात का कई लोगो ने खूब मजाक बनाया.... तो कोई ये तो बताये क्या गलती थी उस मासूम सी बच्ची का जिसने चलना भी नही सिखा था, वो बूढ़ी अम्मा जिसने जीने की उम्मीद लगभग खो दिया था.... फर्क उम्र का करे या सोच का????. कपड़ो का करे या लोगो के होश का??? किसी ने चोट देखा तो किसी ने गंदे कपड़े..... लेकिन किसी ने ये नही देखा कि उजड़ गए उसके कितने सपने..... सवाल कर लोगो ने उसे कई बार तोड़ा.... इन सब मे उसने भी खुद से मुह मोड़ा..... कुछ ने कहा कपड़े गलत थे तो कुछ ने कहा उन दरिन्दों की सोच..... लेकिन क्या कोई बतायेगा इसमे इनका क्या था दोष???? #OpenPoetry #rep #कुछ_सवाल #समाज #mywords #thought #आखिर_किसका_था_दोष 😢😢😢😢