तेरा इंतज़ार हर गली, नुक्कड़ से तेरा इंतजार है मेरे लहू में तेरी शिराओं का ज्वार है। जब में अपनी खाल के जूते तुझे पहनाता, मां उस पल की खुशी का इंतजार है।। राजकुमार अगावली