कभी खुद से सवाल किया क्या कर रहे हो? बस जी रहा हूं सुनो- सबकुछ जानते हो अनजान तो नहीं हो बदल सकते हो हालात बेजान तो नहीं ये हालत जो है तुम्हारी कुछ दिनों से तो नहीं है की संभालो खुद को और चलो मंजिल रास्ता देख रही है काफी कुछ खोया तो कुछ पाया भी है किस्मत ने कितनों से जुदा कर दिया तो कितनों से मिलाया भी है क्यू शिकायतें इतनी क्यूं निराश रहते हो अब बोलो भी निखिल सबकुछ जानते हुए भी उदास रहते हो अब दो ही रास्ते हैं सारे गमों को लेकर बैठ जाऊं जो भी मेरे साथ हुआ या फिर आगे बढ़ जाऊं आगे बढ़ते हैं ना यूं पुरानी बातों को लेकर बैठने से क्या होगा इससे जो गुजर गया वो बदल तो नहीं सकता #Ek_Koshish_khud_ko_samjhane_ki