हक़ीक़त से दूर क्यूँ रहता है इंसान। अक्सर ख़ुद को समझने लगता भगवान। अपने अस्तित्व को संभाले नहीं संभालता। दूसरों पर छींटाकंशी करने का मौका नहीं गँवाता। क्या लेकर आया है क्या लेकर जायेगा। इसी एक भ्रम में इंसान जीता जायेगा। मोहब्बत बन हक़ीक़त में वो मेरे जीवन में शामिल हो रही थी। लक्ष्मी बन जीवन के अंधेरे को दूर करने वो आ गई थी। चलो जीवन का फ़साना तोड़ते हैं अब हक़ीक़त से रूबरू होते हैं। जीवन के प्रेम को महसूस करते हैं इसको अपने नज़दीक करते हैं। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1104 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।