नसीब में नहीं था जो क्यों उसकी तलाश है। क्यों मेरे दिल को उससे मिलने की आस है। मेरी आँखें तकती हैं हरपल राह उसका ही। जाने क्यों इनको उससे मिलने की प्यास है। ख़्वाबों में ढूँढ़ती हैं तस्वीर बस उसकी ही। जैसे वो चेहरा कोई मेरे आँखों का खास है। दिल में मेरे धड़कता है वो धड़कन की तरह। साँसों में वो बसता है मेरे ज़िगर के पास है। उसकी झलक पाने को जाने क्यों बेताब हूँ। ख़ुदा से हरपल मेरी बस एक ही अरदास है। चाहे मिला दे मुझे उससे या उसका ही कर दे। उसके बिना जीना मुश्किल मन भी उदास है। ♥️ Challenge-779 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।