कितने दिन तेरे लौटने के आस में गुज़ार दिया,याद नहीं तुझे फिर गले लगाउ, प्यार करु, और खो जाऊ जा मेरी ये जात नहीं तेरी याद में आँखे सैलाब न हुई हो, ऐसी कोई रात नहीं तुझे फिर फ़ोन करू और सारे सितम भूल जाऊ जा तुझमे अब वो बात नहीं तेरे जाने से मैं टूट गया, पर मेरे जज्बात नहीं तुझे फिर मनाऊ, माथा चुमू, तेरे आगे गिड़गिड़ाऊ जा तेरी ये औकात नहीं कितने दिन तेरे लौटने के आस में गुज़ार दिया,याद नहीं तुझे फिर गले लगाउ, प्यार करु, और खो जाऊ जा मेरी ये जात नहीं तेरी याद में आँखे सैलाब न हुई हो, ऐसी कोई रात नहीं तुझे फिर फ़ोन करू और सारे सितम भूल जाऊ जा तुझमे अब वो बात नहीं