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बदलती जिंदगी मौत का नजारा कुछ तो ख़ास था अपनों का

बदलती जिंदगी मौत का नजारा
कुछ तो ख़ास था अपनों का सहारा
तुम समझ ना पाए उसको कर लिया किनारा
अब क्यों पछता रहे ही जब हो गए बेसहारा बी@+@+
बदलती जिंदगी मौत का नजारा
कुछ तो ख़ास था अपनों का सहारा
तुम समझ ना पाए उसको कर लिया किनारा
अब क्यों पछता रहे ही जब हो गए बेसहारा बी@+@+

बी@+@+