बांध कर रखते कब तक बेड़ियाँ नहीं, मोहब्बत थी कोशिश न की रोकने की दिल ने तो बहुत अदावत की सिसकते उन जज़्बातों को खुदको न भरमाने दिया मैंने रूह कराहती रही कि पुकार लूँ पर फिर भी उसे जाने दिया मैंने कभी-कभी और कोई रास्ता नहीं रह जाता! अपनी कहानी लिखें। #जानेदिया #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi