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तेरे नाज़ नख़रे , उठाएंगे हम, तुझसे अपनी दुनियां,स

तेरे नाज़ नख़रे , उठाएंगे हम,
तुझसे अपनी दुनियां,सजाएंगे हम।
बचाओगे कब तक, हमसे  दामन,
तुझे एक दिन अपना, बनाएंगे हम।
बस गए हो , तुम सांसों मे हमारी,
कलेजे से इक दिन, लगाएंगे हम।
इक दिन तुम हमारी,बांहों मे होगे,
इस तरह रस्मे-उल्फत, निभाएंगे हम।
जितना सताना है, हमको सतालो ,
शम्मा की तरह,तुम्हें भी जलाएंगे हम। Urdu_Word_Collab_Challenge_
Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry 
आज का लफ्ज़ है "नाज़"

अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,,
जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा !
और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।
तेरे नाज़ नख़रे , उठाएंगे हम,
तुझसे अपनी दुनियां,सजाएंगे हम।
बचाओगे कब तक, हमसे  दामन,
तुझे एक दिन अपना, बनाएंगे हम।
बस गए हो , तुम सांसों मे हमारी,
कलेजे से इक दिन, लगाएंगे हम।
इक दिन तुम हमारी,बांहों मे होगे,
इस तरह रस्मे-उल्फत, निभाएंगे हम।
जितना सताना है, हमको सतालो ,
शम्मा की तरह,तुम्हें भी जलाएंगे हम। Urdu_Word_Collab_Challenge_
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अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,,
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और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।