मैं फिर भी तुमको चाहूँगा, मै यूँ ही तुमको चाहूँगा,, तुममें ही मै खो जाऊँगा,, खाब तुझे पाने के रोज सजाऊँगा, शाम ढले तेरे दिल मेें आ जाऊँगा मै यूँ ही तुमको चाहूँगा,, भीड़ में रिश्तों के कहीं तू खो जाए कल गर तू किसी और की हो जाए,, नयी सी दुनिया में तेरी, पुराना बनकर आऊँगा,, मै यूँ ही तुमको चाहूँगा.. तुम छत पे खड़ी होकर गलियों में झाँकोगी लोगों से छिप छिप कर तुम मुझको ताँकोगी तेरी एक झलक पाने की खातिर, गलियों में तेरी रह जाऊँगा.. mai yun hi tumko chahunga