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मैं फूल भेज भी सकती थी शान-ए-शाह मगर मैं चाहती थी

मैं फूल भेज भी सकती थी शान-ए-शाह मगर
मैं चाहती थी महक खींच लाए बाग़ तलक

#संजू_शब्दिता

©sanju Shabdita #Flower
मैं फूल भेज भी सकती थी शान-ए-शाह मगर
मैं चाहती थी महक खींच लाए बाग़ तलक

#संजू_शब्दिता

©sanju Shabdita #Flower