मुश्किल है इसकी अभिलाषा को मिटा पाना उड़ता फिरता है इधर उधर न कोई घर है न कोई ठिकाना बहता है जल के जैसा मुश्किल है इसको काबू कर पाना चंचल है इतना रेत सा फिसलता ये तो बावरा है कठिन इसको समझाना... सुप्रभात। मन के बहकावे में मत आना, इसको समझाना... #mereshabdonkajahan #nikhil_kaushik #बहकावे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi