कई लोग बेबसी के मारे हुए लगते हैं। कई लोग मुश्किलों से हारे हुए लगते हैं। मचले हुए अरमानों को पाने की फ़िक्र में- ख़ुशियों की कश्ती से उतारे हुए लगते हैं। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय