टूटा हूं कितने सजाएं भुगता हूं संवेदनशीलता मज़ाक बना छोड़ गए चंद पन्नों और बूंद बूंद आंसुओ में सिमट रह गया अस्त्वित्व मेरा बिन आत्म के एक धूल बन कर उड़ रहा हूं आख़िर गुस्सा भी करूं तो किस पे जाने अनजाने मैं खुद कातिल हुआ हूं ज़िन्दगी के हर पायदान पर, इम्तिहान रखा हुआ है... #पायदान #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #kunu