वक्त क्यों ठहरा दिया है सबने सिर्फ आधी आबादी का जो खेल चलाते रहते हैं उसकी प्रतिभा की बर्बादी का.. अपनी नाकामियां छिपाने को उत्कृष्ट विरासत को मत कोसो अपनी खोखली विचारधारा को रिवाजों के नाम पर मत पोसो। नवरात्रि की सभी को शुभकामनाएं। 🙏🙏🌹🌹 या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः रिवाज तो मीठी बातें थीं पीढ़ियों तक पहुंचाने को यादें थीं पुरखों की, समझने और निभाने को।