तुम फीकी चाय की चुस्की हो और मैं DALGONA काँफी हूँ! तुम पिटते अफरीदी जैसी,मैं वर्ल्ड कप की ट्रॉफ़ी हूँ! तुम गिरती ECONOMY हो,मैं उसमे होता घाटा हूँ! तुम पाकिस्तानी गाल प्रिये,मैं उसपर पड़ता चाटा हूँ! तुम काश्मीर की चाह लिये क्यों रोती बारंबार प्रिये! मैंदान कहीं का हो लेकिन होती तेरी ही हार प्रिये! मैं चुनता हूँ अक्सर समझदारी, तुझे ट्रुचियापा ही चुनना है! मैं कितना भी AVOID करूँ, तुझे PKMKB ही सुनना है! तुम बारूदी उस बम जैसी,और मैं हूँ शांति दूत प्रिये! हम एक बार हड़का दे तो, तुम पैंट मे देते (...) प्रिये! #Hope