जाहीर होने लगा हूं मैं,मेरा इश्क है जो सरेआम होने लगा है! लहर-लहर सी उठी चाहतें,इश्क समंदर में जहां तक जाती नजर है!! मेरा नाम तो तुमसे जुरने लगा है,इश्क में तेरे जैसा ही होने लगा है! शहर-शहर इश्क का तूफान है,कहूं मैं तुम्हें मुझपे तेरा ही असर है!! कायल तो हुआ हूं मैं तेरा,तेरी जादुगरी है जो मार डालेगी मुझे! इश्तेहार दे भी दू अभी मिला डगर है,इश्क है तुमसे मिली नजर है!! जाहीर होने लगा है ख्वाहिशें,इश्क की आदतें उलझी फरमाईशें! डगर-डगर चला हूं तेरे लिए,तू आ भी जा अभी तो लंबा सफर है!! बेहाल सा होने लगा हूं तेरी चाहतों में,इश्क की आदतें हो गई है! नजर-नजर तुमसे मिला ऐसे,इश्क समंदरमें जहांतक जाती नजर है!! उफ इश्क में तूफान सा है,दिल में हलचल हुआ,नैना अंजान सा है! सफर-सफर संग तेरे चलुं मैं,इश्क समंदर में जहां तकजाती नजर है!! अब तो जाहीर सा होने लगा हूं,तेरी चाह है,तेरे जैसा ही होने लगा हूं! जहर-जहर लगने लगा तेरी बेरुखी,इश्क समंदर में तू आता नजर है! जाहीर होने लगा हूं