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कल स्वप्न में मिल गया रावण, पूछा था कैसे हो गए तुम

कल स्वप्न में मिल गया रावण,
पूछा था कैसे हो गए तुम रावण, 
बोला उसने पैदा तो सब राम ही होते हैं, रावण होना एक कहानी है,
जो मुझे हर मनुज को बतानी है,
कामनाओं और वासनाओं ने बनाया मुझे राम से रावण,
आशाओं और अपेक्षाओं ने बनाया मुझ राम को रावण,
अपेक्षाएं जो मैंने की खुद से, आशाएं मेरी थी मुझ से,
कामनाएं मेरे मन की मुझसे, वासनायें मेरे तन की मुझसे,
खोता जा रहा था यूँ स्वयं के अमृत कण,
इसके बाद भी पूर्ण नही बना था रावण, बाकी अभी भी थे राम के कई कण,
फिर आशाओं के लिये जीने लगा सबकी,
पूरी करने लगा मैं अपेक्षाएं, कामनायें सबकी,
चाहता था राम की तरह ही सुख और शांति सबकी,
पर छा गई थी चहुँ और अशांति हर मन की,
अंत में स्वयं के अमृत की अंतिम बूंद को खोकर,
पूर्ण विकसित हो गया मैं दशानन रावण होकर,
स्वयं के राम को खोकर ही रावण बना हुँ,
दस सिरों की माया में भृमित होकर खड़ा हूँ,
यही मेरी नही हर मनुज की कहानी है,
रावण एक व्यक्ति नही सामूहिक ज़िंदगानी है,
राम से रावण होना नाभि के अमृत को खोने की कहानी है ।। #HappyDusshera #Ram #Ravan #Life
कल स्वप्न में मिल गया रावण,
पूछा था कैसे हो गए तुम रावण, 
बोला उसने पैदा तो सब राम ही होते हैं, रावण होना एक कहानी है,
जो मुझे हर मनुज को बतानी है,
कामनाओं और वासनाओं ने बनाया मुझे राम से रावण,
आशाओं और अपेक्षाओं ने बनाया मुझ राम को रावण,
अपेक्षाएं जो मैंने की खुद से, आशाएं मेरी थी मुझ से,
कामनाएं मेरे मन की मुझसे, वासनायें मेरे तन की मुझसे,
खोता जा रहा था यूँ स्वयं के अमृत कण,
इसके बाद भी पूर्ण नही बना था रावण, बाकी अभी भी थे राम के कई कण,
फिर आशाओं के लिये जीने लगा सबकी,
पूरी करने लगा मैं अपेक्षाएं, कामनायें सबकी,
चाहता था राम की तरह ही सुख और शांति सबकी,
पर छा गई थी चहुँ और अशांति हर मन की,
अंत में स्वयं के अमृत की अंतिम बूंद को खोकर,
पूर्ण विकसित हो गया मैं दशानन रावण होकर,
स्वयं के राम को खोकर ही रावण बना हुँ,
दस सिरों की माया में भृमित होकर खड़ा हूँ,
यही मेरी नही हर मनुज की कहानी है,
रावण एक व्यक्ति नही सामूहिक ज़िंदगानी है,
राम से रावण होना नाभि के अमृत को खोने की कहानी है ।। #HappyDusshera #Ram #Ravan #Life