अब भी ताज़ा है ज़ख्म सीने में, बिन तेरे क्या रखा है जीने में। हम तो ज़िन्दा हैं तेरा साथ पाने को, वरना देर कितना लगता है ज़हर पीने में!!!! ©Sabhakant Sudhakar #myLoveName A #OneSeason