वक्त ही नहीं मिला, मां के साथ वक्त गुजारने को। ज़िन्दगी गुजर रही है, ज़िन्दगी गुजारने को।। बहुत याद आती है, मां के हाथ की रोटी, कोई हाथ ही नहीं मिला, मां जैसा संवारने को।। #daastaneishq