Nojoto: Largest Storytelling Platform

सूरज न उगता कभी न ढल जाए, धरती करें सूरज की परिक्र

सूरज न उगता कभी न ढल जाए,
धरती करें सूरज की परिक्रमा 
तो रात और दिन कहलाएं,
 एक कोना किरण छुए जब दूजा ठंडाए,
दूजा मिले उजाले से तो सुबह हो जाए..

©Sandeep Kothar रात और दिन..

सूरज न उगता कभी न ढल जाए,
धरती करें सूरज की परिक्रमा 
तो रात और दिन कहलाएं,
 एक कोना किरण छुए जब दूजा ठंडाए,
दूजा मिले उजाले से तो सुबह हो जाए..
सूरज न उगता कभी न ढल जाए,
धरती करें सूरज की परिक्रमा 
तो रात और दिन कहलाएं,
 एक कोना किरण छुए जब दूजा ठंडाए,
दूजा मिले उजाले से तो सुबह हो जाए..

©Sandeep Kothar रात और दिन..

सूरज न उगता कभी न ढल जाए,
धरती करें सूरज की परिक्रमा 
तो रात और दिन कहलाएं,
 एक कोना किरण छुए जब दूजा ठंडाए,
दूजा मिले उजाले से तो सुबह हो जाए..